पंचतंत्र की कहानियों की शुरुआत कैसे हुई?! (How Panchatantra Stories were started?!)
पंचतंत्र की कहानियों की शुरुआत
दक्षिण भारत में अमरशक्ति नामक एक राजा शासन करता था। उसके तीन पुत्र थे। उनके नाम थे- बहुशक्ति, उग्रशक्ति और अनंतशक्ति । इन तीनों में से किसी की भी अध्ययन में रुचि नहीं थी। ये तीनों ही महामूर्ख, नटखट और उपद्रवी थे। अपने पुत्रों के इन अवगुणों के कारण राजा बहुत चिंतित रहते थे।
एक दिन राजा ने भरे दरबार में अपनी चिंता प्रकट की और इसका समाधान बताने को कहा। वहाँ बैठे एक विद्वान विष्णु शर्मा ने कहा 'महाराज! आप इन तीनों पुत्रों को मुझे सौंप दीजिए। मैं छह माह में उन्हें राजनीति में पारंगत कर दूँगा।" राजा ने ऐसा ही किया।
विष्णु शर्मा उन तीनों राजकुमारों को अपने घर ले गए और उन्हें पशु-पक्षियों की रोचक कहानियाँ सुनाने लगे। ये कहानियां राजकुमारों को बहुत रुचिकर लगती थीं। महामंत्री विष्णु शर्मा ने इन्हीं कहानियों के माध्यम से राजकुमारों को राजपद की मर्यादा का निर्वहन करना भी सिखाया। फलतः वे राजकुमार छह माह में ही राजनीति के प्रकांड विद्वान हो गए। तत्पश्चात महामंत्री विष्णु शर्मा ने उन्हें राजा अमरशक्ति को सौंप दिया। और फिर विष्णु शर्मा की यही कहानियाँ पंचतंत्र की कहानियों के नाम से प्रसिद्ध हो गईं।
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