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जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते है तो इन तीन दुश्मनों से बचिए!! -गौर गोपाल दास ( Agar jindgi me aage badna chahte hai to -By Gaur Gopal Das)

 

If you wanted to get ahead in life.

जिंदगी में आगे बढ़ना है तो इन तीन दुश्मनों से बचिए...

क्या? आप इसे कोई कभी ट्रैफिक में फसा है कितनी फ्रस्ट्रेशन होती है नहीं, कितना गुस्सा आता है, उसमें फसे रहने का नतीजा होता है घुस्सा,नाराजगी,मायूसी, धीमे-धीमे होले-होले ही क्यों न हो! जब हम आगे बढ़ते हैं ना तू उनके टीमें उस मूवमेंट में समाधान का अनुभव ,खुशी का अनुभव होता है ।

वैसे ही अपनी पर्सनल लाइफ या रिश्ते नौकरी हो या बिजनेस कैरियर हो या हमारा अध्यात्म ।एक ही जगह पर फंसे नहीं रहना चाहते । चाहे कोई भी क्षेत्र हो, कोई भी फील्ड हो हम सब आगे बढ़ना चलाते हैं और सफलता पाना चाहते हैं और तीन बातें जो सफलता की जानी दुश्मन है और इन तीन बातों को समझें और जहन, दिमाग और दिल से उखाड़कर फेंक दे तब होगी तरक्की ,तब आएगी सफलता ।


सबसे पहली बात जो क्या कहेंगे लोग ? क्या सोचेंगे ? लोग हमारे बारे में क्या ? सोचते हैं, यह भी अगर हम भी सोचेंगे तो वोह लोग क्या सोचेंगे ।

सबसे बड़ा रोग "क्या कहेंगे लोग?"

एक बार फल वाला बाजार में बैठकर फल बेच रहा था उसने अपने पीछे बोर्ड लगाया हुआ था जिस पर उसने चौक से लिख रखा था "यहाँ ताजे फल बेचे जाते हैं ।"

एक ग्राहक ने उसे कहा कि " हमें मालूम है, तुम बैठे हो यहां बैठे हो वहां नहीं इस पंक्ति से "यहां "शब्द हटा दो! फलवाले ने वह शब्द मिटा दिया, और अब बचा "ताजे फल बेचे जाते हैं।"

अब वहां दूसरा ग्राहक बोला हम जानते हैं कि तुम ताजे ही तो फल बेच रहे हो कुछ सड़े हुए थोड़ी ना बेच हो इसलिए इस वाक्य से ताजे मिटा दो! फलवाले ने ताजे को भी मिटा दिया और अब बोर्ड पर बचा "फल बेचे जाते हैं।"

तीसरा ग्राहक आया और कहने लगा कि "बेचा जाता क्या होता है? बाजार में फल मुफ्त में थोड़ी बांट रहे हो! चलो बेचे जाते हैं को भी मिटा दो बेचारे फलवाले ने बचे कुचे शब्द भी मिटा दिए और अब वह बोर्ड खाली हो गया।

तब वहाँ चौथा व्यक्ति आया और फलवाले से बोला "पागल हो क्या?! इतना अच्छा बोर्ड है,कुछ लिखते क्यों नहीं?"

इस दुनिया मे हर एक व्यक्ति की अपनी राय होती है, और हर इंसान दूसरों को राय देने में माहिर है। हम यह नहीं कह रहे किसी की सलाह न सुने बल्कि हम यह कह रहे हैं कि उनकी राय सुनते -सुनते ही अपनी राय को भूल जाए । उनके शोर में अपनी आवाज को नहीं खो बैठे।

वह गाना है ना "कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम है कहना,...."

इसीलिये हारे हुए की राय सुनिये और जीते हुए का तजुर्बा लीजिए, लेकिन दिमाग लगाइए अपना। डरिये मत कि हम गलती कर बैठे तो!!,

गलतियों से तो सीखोगे, गलतियो से ही तो खुद का तजुर्बा आएगा।

तो सीखेंगे तो जीतेंगे और जीतेंगे तो दूसरों को सिखाएंगे।


दूसरी बात: किस्मत खराब है

दोस्तों अगर किसान बारिश न होने पर कहे कि मेरी किस्मत खराब है और मैं खेत नही जोतुगा। तो जब किस्मत बदल जाएगी। बारिश आएगी तो फसल के लिए तैयार नहीं होगा हम भी मानते हैं कि कई बार अपना वक्त खराब चल रहा होता है लेकिन एक बात पता है एक दिन बुरे वक्त का भी एक दिन बुरा वक्त आता है इसलिए किस्मत बदलने का इंतजार ना करें अपनी मेहनत करते रहे। सही काम करते रहे । और यह तो एक इन्वेस्टमेंट है , जब भी वक़्त बदल जायेगा। तब सोचो आपकी तैयारी जोरदार हुई और आप अपनी सफलता की फसल काटने को तैयार है। इसलिए कहते है ना हाथों की लकीरों पर मत जा गालिब नसीब तो हम भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते।


आखरी और तीसरी बात अपने मन से यह बात निकालने की जिंदगी पर्फेक्ट होती है सब चाहते हैं कि हमारी जिंदगी एक आदर्श लाइफ हो! जहां सब सही हो, सब खुश हो! इस वहम को अपने दिल से निकाल दीजिए । जिंदगी को समझना बड़ा ही मुश्किल है।जिंदगी में कोई सपनों के खातिर अपनों से दूर रहता है, तो कोई अपनों के खातिर सपनों से दूर रहता है । अपने दिल के सारे अरमान अपने हिसाब से थोड़े ही पूरे होते है ।माना कि जिंदगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो मौत से हारना है जरूर लेकिन पहले पहले जिंदगी से जितना सीख लो।


गौर गोपाल दास जी के द्वारा कही गयी बाते।
Lessons from Gaur Gopaladas ji in hindi

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