दो कॉलेज के छात्रों की लघुकथा ( short story on college students)
दो कॉलेज के छात्रों की कहानी
एक बार कॉलेज के दो छात्रों ने एक स्पर्धा में भाग लिया। स्पर्धा की शर्तों के अनुसार, जो भी दस मिनट की अवधि में अधिक से अधिक केले छिलकों समेत खाता, वह विजेता होता । दोनों ही शारीरिक रूप से काफी तंदरूस्त थे। विजेता निर्धारित करने हेतु उन्होंने एक रेफरी को आमंत्रित किया।
उनमें से एक ने यह सोचा कि वह पहले जल्दी जल्दी छिलके खा लेगा, तो बाद में अंदर के मीठे फल आसानी से खा सकेगा। दूसरे ने उसके विपरीत पहले फल और बाद में आराम से छिलके खाने की सोची। पहले का पेट छिलकों से पूरी तरह इतना भर गया कि फल के लिए जगह ही नहीं बची। और इसी प्रकार दूसरे का पेट मीठे फलों से इतना भर गया कि छिलको के लिए जगह ही नहीं बची। दोनों में से कोई भी स्पर्धा नहीं जीत पाया, किंतु जहाँ एक और केवल छिलका मात्र खाने के कारण पहले प्रतियोगी को अपचन का सामना करना पड़ा, वहीं दूसरा प्रतियोगी ने केले की मिठास का भरपूर आनंद लिया।
इसी प्रकार यदि तुम अपने मन को सांसारिक सुख रूपी छिलके से भर लोगे तो सांसारिक बंधनों की बीमारी से ग्रसित रहोगे। दूसरी ओर यदि भगवान नाम की मधुर फल का आश्वासन करेगा तो सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर परम आनंद को प्राप्त करोगे।
Bahuy achhe..
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